कहता है इतिहास , ज़माना बदलेगा
टूटेगा हर पाश , ज़माना बदलेगा
सदियों से संघर्षों का दस्तूर रहा है
और हार में छिपा , जीत का नूर रहा है
गाओ मिलकर साथ , ज़माना बदलेगा
एक क़दम ही सही मगर वो क़दम बढ़ाओ
एक कड़ी ही सही मगर उसको चटकाओ
मंज़िल होगी पास , ज़माना बदलेगा
बनता है इतिहास सतत बदलावों से ही
नए विजय पाते हैं द्वंद्व के घावों से ही
तेज़ करो अहसास , ज़माना बदलेगा
हमने रूस को बदला था, था चीन हमारा
और हम्हीं ने धरती पर था स्वर्ग उतारा
पेरिस के कम्यून से उठा था जो नारा
इंकिलाब की आज भी ज़िंदा है वो धारा
जीत का है विश्वास , ज़माना बदलेगा
टूटेगा हर पाश , ज़माना बदलेगा ।
------ आदित्य कमल
( ' कठिन समय है भाई ' से )
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