Sunday, January 22, 2017

पाब्लो नेरुदा

हमेशा
-पाब्लो नेरुदा की कविता 'आलवेज' का अनुवाद
जो भी आया मेरे सामने
कभी नहीं बना रश्क का सबब
तुम अपने कांधे पर एक आदमी
का बोझ लिये आओ
तुम अपने बालों में सैकड़ों आदमियों
को समेटे आओ
तुम अपने स्तनों और अपने पैरों के बीच
असंख्य आदमियों के चिह्नï लिये आओ
नदी की तरह आओ
जो पट गयी हो डूबे हुए आदमियों से,
जो उन्मत्त सागर से जा मिले
और समय की अनंत धारा में
विलीन हो जाये!
उन सबको वहां लाओ
जहां मैं प्रतीक्षारत हूं तुम्हारे लिये,
हम हमेशा अकेले रहेंगे
हम हमेशा मैं और तुम ही रहेंगे
इस भरी-पूरी पृथ्वी पर अकेले
हमारा जीवन शुरू करने की खातिर!
(अनुवाद-संदीप कुमार)

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