Sunday, January 22, 2017

नजरुल इस्लाम

एक कविता 'नजरुल इस्लाम की'
मनुष्य से घृणा करके
कौन लोग कुरान, वेद, बाईबिल चूम रहे हैं !
किताबें और ग्रंथ छीन लो
जबरन उनसे
मनुष्य को मारकर ग्रंथ पूज रहा है
ढोंगियों का दल !
सुनो मूर्खो
मनुष्य ही लाया है ग्रंथ
ग्रंथ नहीं लाया किसी मनुष्य को
"न भूले देश शहीदों को" जितेन्द्र भईया, गुना-(म.प्र.

No comments: