Sunday, January 22, 2017

सफ़दर हाशमी की बेहद प्रासंगिक रचना:

सफ़दर हाशमी की बेहद प्रासंगिक रचना:
''किताबें करती हैं बातें
बीते ज़माने की,
दुनिया की,इंसानों की!
आज की, कल की,
एक-एक पल की,
खुशियों की, ग़मों की,
फूलों की, बमों की,
जीत की, हार की,
प्यार की, मार की!
क्या तुम नहीं सुनोगे
इन किताबों की बातें?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं,
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं!
किताबों में चिडियाँ चहचहाती हैं,
किताबों में खेतियाँ लहलहाती हैं!
किताबों में झरने गुनगुनाते हैं,
परियों के किस्से सुनाते हैं!
किताबों में रॉकेट का राज है,
किताबों में साइंस की आवाज़ है!
किताबों का कितना बड़ा संसार है,
किताबों में ज्ञान का भंडार है!
क्या तुम इस संसार में
नहीं जाना चाहोगे?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं,
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं!''

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